MP board exam updates 2022: कोरोना[Corona] की तीसरी लहर के दौरान छात्रों के मन में बहुत सारे प्रशन आ रहे हैं जैसे इस बार कोरोना की लहर तेजी से संक्रमित लोगों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है उसको लेकर छात्रों के मन में कई सवाल आ रहे हैं जैसे क्या इस बार बोर्ड परीक्षाएं रद्द हो जाएंगी, क्या परीक्षाओं की तिथि को आगे बढ़ाया जाएगा या क्या परीक्षाएं रद्द हो जाएंगी और मार्कशीट आंतरिक मूल्यांकन के अनुसार तैयार की जाएगी और सबसे बड़ा प्रश्न की क्या इस समय बोर्ड परीक्षाएं लेना उचित रहेगा यह सब सवाल छात्रों को बहुत परेशान कर रहे हैं हम आपको आपके इन सभी प्रश्नों के उत्तर अपने इस लेख में देने का प्रयास करेंगे।
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MP board exam updates 2022 क्या रद्द हो जाएंगी बोर्ड परीक्षाएं?
जहां तक एमपी बोर्ड एग्जाम्स 2022[MP Board Exams 2022] रद्द होने का सवाल है तो अभी तक उसके बारे में कोई ऑफिशियल लेटर अथवा नोटिस जारी नहीं किया गया है, जैसा कि आपको पहले ही ज्ञात है कि इस बार मध्य प्रदेश लोक शिक्षण विभाग ने इस बार परीक्षाएं फरवरी में आयोजित करने का फैसला लिया था इसके पीछे का मुख्य कारण था की कोरोना की पिछली दो लहरें मार्च के बाद ही भयंकर हो जा रही थी लेकिन इस बार परिस्थितियां बदल चुकी हैं और कोरोना जनवरी से ही पूरे जोरो जोरो से हालात बदतर करने पर तुला है।
फरवरी में आयोजित होनी है परीक्षाएं.
जैसा कि आप जानते हैं कि बोर्ड परीक्षाएं फरवरी माह मैं आयोजित कराने का फैसला लिया गया था परंतु कोरोना का एक नया वेरिएंट ओमीक्रोन[Omicron] सामने आ गया अब कोरना तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है हर जिले में इस संक्रमण को रोकने के लिए प्रक्रियाएं बनाई जा रही हैं कुछ जिलों में पहली से आठवीं तक स्कूलों को बंद कर दिया गया है कहीं जगह है कॉलेज यूनिवर्सिटी तक को बंद कर दिया गया है तथा ऑनलाइन क्लासेस शुरू भी कर दी गई है। अगर परीक्षाएं फरवरी में आयोजित कराई जाती है तो निश्चित ही कोरोना का खतरा और भी बढ़ जाएगा हालातों को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि परीक्षाएं संक्रमण कम होने के बाद ही आयोजित कराई जाए इस बात की संभावनाएं भी ज्यादा है।
क्या बोर्ड परीक्षाएं अप्रैल में होगी?
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि पिछले वर्ष बोर्ड परीक्षाएं अप्रैल में आयोजित करने का फैसला लिया था लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद परीक्षाएं मई में आयोजित कराने का फैसला लिया था लेकिन मई में भी संक्रमण बढ़ता ही चला गया जिसके बाद बैठक मैं सभी अधिकारियों की बातें सुनने के बाद देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं को निरस्त करने का फैसला लिया था। इन सब बातों को देखते हुए अगर फरवरी तक कोरोना संक्रमण काबू मैं नहीं आता है तो परीक्षाएं की तिथियों में बदलाव देखने को निश्चित ही मिलेगा।
अगर परीक्षाएं निरस्त हुई तो!
आपके मन में यह सवाल आता होगा कि अगर परीक्षाएं निरस्त हुई तो रिजल्ट्स का पैमाना क्या होगा तो बता दे आपको पिछली बार की तरह थी आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही मार्कशीट तैयार की जाएगी यह परिस्थिति तब उत्पन्न होगी अगर कोरोना संक्रमण कम नहीं होता है और कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती रहती है ऐसे में बोर्ड के पास एकमात्र यही विकल्प बचेगा।
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क्या बोर्ड परीक्षाएं होनी चाहिए?
सबसे बड़ा सवाल हम सबके मन में यही आता है कि क्या कोरोना की इस तीसरी लहर के दौरान बोर्ड परीक्षाएं होनी चाहिए या नहीं। यह एक नैतिक प्रशन है और इसका उत्तर भी बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर लेना होगा क्योंकि बच्चे ही देश का आने वाला कल है। अभिभावकों का भी मानना है कि यदि कोरोना संक्रमण की दर में कोई कमी नहीं आती है तो परीक्षाएं रद्द करना ही उचित होगा क्योंकि परीक्षाओं के दौरान लाखों छात्र-छात्राएं एक साथ परीक्षा के लिए जाते हैं जिससे संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाता है। बोर्ड भी इस बात को ध्यान में रखकर ही आगे की रणनीति तय करेगा।
आशा है कि आप हमारे द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट हो पाएंगे होंगे।