Heavy Water – Uses, Properties and Reactions | भारी जल – उपयोग , गुण

भारी जल क्या है ?

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भारी जल एक योगिक है जो ऑक्सीजन और ड्यूटीरियम से बना होता है . इसमें हाइड्रोजन का एक भारी समस्थानिक होता है जिसे 2H या D से प्रदर्शित किया जाता है .  भारी जल को ड्यूटीरियम ऑक्साइड  भी कहा जाता है  जिसका रासायनिक सूत्र  D2O होता है .  इसमे सामान्य जल की अपेक्षा अधिक द्रव्यमान होता है क्योंकि ड्यूटीरियम का परमाणु द्रव्यमान प्रोटियम से अधिक होता है . इसलिए भारी जल ( D2O ) में  H2O की तुलना में थोड़े भिन्न रासायनिक और भौतिक गुण होते है .

भारी जल की गुणधर्म 
Deuterium OxideD2O
Molecular Mass20.02 g/mole
Density ( घनत्व )1.107 g/ML
Dipole Moment1.87 D
Melting Point ( गलनांक )3.820 C
Boiling Point ( क्वथनांक )101.40C

भौतिक गुण –

  • सामान्य ताप एवं दाब पर भारी जल रंग हीन होता है .
  • कमरे के तापमान पर भारी जल  एक गंधहीन तरल के रूप में मौजूद होता है .
  • चूँकि D2O का घनत्व H2O से अधिक होता है , इसलिए भारी जल से बना बर्फ का टुकड़ा सामान्य जल में डूब जाता है .
  • यदि भारी जल को सामान्य जल में मिलते है तो यह सजातीय मिश्रण बनाता है .

रासायनिक गुण –

  • हाइड्रोजन के समस्थानिक अपने परमाणु द्रव्यमान के अन्तर के कारण विभिन्न रासायनिक गुण प्रदर्शित करते है .
  • भारी जल , सामान्य जल की तुलना में कुछ हद तक अलग होता है .
  • भारी जल में आयनों की सांद्रता आमतौर पर सामान्य जल के आयनों की सांद्रता से कम होती है .
  • उच्च मात्र में  ड्यूटीरियम की उपस्थिति के कारण पानी के विलायक गुणों में परिवर्तन जैविक प्रणालियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है .

निर्माण कैसे होता है :

भारी जल को क्षार युक्त पानी के  लम्बे समय तक इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा तैयार किया जाता है .

  • इलेक्ट्रोलाइट : NaOH युक्त पानी
  • कैथोड : स्टील का बर्तन
  • एनोड : निकेल शीत जिसमें छेद होते है .

CO2 गैस को प्रवाहित करने से , सात क्षारों को बेअसर करने के लिए इलेक्ट्रोलिसिस किया जाता है . इस प्रक्रिया में जो शेष उत्पाद बच जाता है वही भारी जल होता है .

भारी जल की विशेषताए निम्न है –

  • ड्यूटेरियम के एक परमाणु के नाभिक में एक प्रोटोन और एक नयुट्रोंन होता है , जो इसे प्रोटियम से लगभग 2 गुना भरी बनाता है .
  • चूँकि पानी के अणु के आण्विक द्रव्यमान का लगभग 89 % ऑक्सीजन के लिए जिम्मेदार होता है . इस कारण D2O का आण्विक द्रव्यमान H2O की तुलना में काफी अधिक नही होता है .
  • भारी जल का घनत्व सामान्य पानी की तुलना में लगभग 11% अधिक होता है .
  • D2O में ड्यूटेरियम – ऑक्सीजन बांड , H2O में प्रोटियम – ऑक्सीजन बोंड से अधिक मजबूत होता है .
  • चूँकि ड्यूटेरियम परमाणु रेडियोधर्मी क्षय से नही गुजरता है , इसलिए D2O रेडियोधर्मी प्रकृति का नही है .
  • भारी जल की अत्यधिक मात्रा कई जीवों के लिए घातक साबित हो सकती है .

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