आतंकवाद

प्रस्तावना- 21 वी शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों में आतंकवाद सभी महाद्वीपों में फैल चुका है.दक्षिण एशिया के देशों में इनकी विभीषिका सर्वाधिक रूप से मौजूद दिखाई पड़ रही है.भारत आतंकवाद से अधिक पीड़ित है.इस क्षेत्र में भारत व पाकिस्तान के संबंध कभी भी अच्छी नहीं रहे है.पाकिस्तान न्यूज़ में भारत से विजय प्राप्त कर सकता है.अतः उसनें छदम रूप से आतंकवाद को हथियार बना लिया है

आतंकवाद से तात्पर्य- आतंकवाद एक ऐसी विचारधारा है.जो राजनैति लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए शक्ति अस्त्र शस्त्रों के प्रयोग में विश्वास रखती है.अस्त्र शस्त्रों का एहसान गणित उपयोग प्राय: विरोधी वर्ग दलित समुदाय या संप्रदाय को भयभीत करने और उस पर विजय प्राप्त करने की दृष्टि से किया जाता है.अपनी राजनैतिक स्वार्थी की पूर्ति के लिए आतंकवाद गैरकानूनी ढंग से अथवा हिंसा के माध्यम से सरकार को गिराने तथा शासनतंत्र पर अपना प्रभुत्व को स्थापित करने का प्रयास भी करते है.इस प्रकार आतंकवाद उस प्रवृत्ति को कह सकते है.जिसमें कुछ लोग अपनी उचित या अनुचित मांग मनवाने के लिए घोर हिंसात्मक और अमानवीय साधनों का उपयोग करने लगते है.

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इसमें व्यात हिंसा प्रवृत्तियाँ आतंकवाद- आज लगभग पूरा विश्व आतंकवाद की चपेट में है.राजनैतिक स्वार्थी की पूर्ति के लिए सर्वजनिक हिंसा और हत्याओ का रास्ता अपनाया जा रहा है.संसार के भौतिक दृष्टि से संपन्न देशों में आतंकवाद की यह प्रवृत्ति और भी ज्यादा पनप रही है.अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ० केनेडी और भारतीय प्रधानमंत्रियों श्रीमती इंदिरा गांधी तथा श्री राजीव गांधी की नृशंस हत्या अमेरिका की हवाई जहाज में बम विस्फोट भारत के हवाई जहाज का पाकिस्तान में अपहरण आदि घटनाएं अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के कुछ उल्लेखनीय उदाहरण है.

भारत में आतंकवादी गतिविधियां- विगत दशाब्दियों मैं भारत के पंजाब बिहार असम बंगाल जम्मू कश्मीर आदि कई प्रांतों में आतंकवादियों ने व्यापक स्तर पर आतंकवाद फैलाया, जम्मू कश्मीर की समस्या का समाधान न हो पाना भी भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देना देने का कारण रहा है.पाकिस्तान कश्मीर की बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी को उकसाकर क्षेत्र अलगाववाद को बढ़ावा दे रहा है.सिलसिला 1990 से चल रहा है.भारत के अन्य हिस्सों में भी आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है मुंबई में 26 नवंबर 2008 को बड़ा आतंक हमला भारत को झेलना पड़ा इससे पूर्व 13 सितंबर सन 2001 को भी भारत संसद पर जैश के आतंकियों ने हमला किया था जम्मू कश्मीर विधानसभा के भवन पर भी जैश -ए-मोहम्मद ने ब्लास्ड किया था. जनवरी सन 2016 ई० में पटनकोट स्थित एयरबेस पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया. यद्यपि सभी आतंकवादियों को मारकर इस हमले को विफल कर दिया गया.किंतु भारत को भी अपने साथ जांवाब सैनिकों को गंवाना पड़ा.जुलाई 2017 में अमरनाथ यात्रा के समय तीर्थयात्रियों से भरी बस पर आतंकी हमला कर दिया गया.इससे हमले में 7 तीर्थयात्री मर गए वर्ष 2018 में पाकिस्तान ने कश्मीर क्षेत्र के अनेक सैन्य स्थलों पर आतंकी हमले करवाए फरवरी 20में सुजवा में सैन्य क्षेत्र पर आतंकी हमला किया गया जिसमें भारत के कुछ सैनिक शहीद हो गए.

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आतंकवाद का समाधान- आतंकवाद का स्वरूप या उद्देश्य कोई भी हो इसका भौगोलिक क्षेत्र कितना ही सीमित या विस्तृत क्यों न हो किंतु, यहां तो स्पष्ट ही है.कि इनमें हमारे जीवन को अनिश्चितकाल असुरक्षित बना दिया है.आतंकवाद मानव, जाति के लिए कलंक है.इसीलिए इसका कठोरता से से दमन किया जाना चाहिए भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों को बड़ी गंभीरता से लिया है.और इनकी , समाप्ति के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.भारत के संसद ने आतंकवाद विरोधी विधेयक पारित कर दिया है.जिसके अन्तर्गत आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले व्यक्तियों को कठोर से कठोर दंड देने की व्यवस्था की गई है.आतंकवाद की समस्या का समाधान मानसिक और सैनिक दोनों ही स्तरों पर किया जाना चाहिए जिन लोगों को पीड़ा हुई अथवा जिनके परिवार अथवा संपत्ति को नुकसान हुआ है.तथा उनके संबंधियों और रिश्तेदारों की मृत्यु हुई है.उन्हें भरपूर मानसिक समर्थन दिया जाना चाहिए जिससे उनके घाव हरे न रहे और वे मानसिक पीड़ा के सह न सहने स्थिति में स्वयं भी आतंकवादी न बन जाएं. आतंकवाद अलगावाद की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अवश्यक है.की सरकार की प्रति जनता में विश्वास जगाया जाए इसके अतिरिक्त जहां एक और आतंकवादियों के साथ कठोर व्यवहार करना होगा गुमराह, यूको राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने की कोशिश भी करनी होगी.आतंकवादियों को पकड़ने पकड़ने तथा उन्हें दंडित करने के लिए आधुनिक साधनों तथा तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए स्केल इसके लिए जनता को शिक्षित करने की भी आवश्यकता है.जिससे जनता आतंकवादियों से लड़ने में भय अनुभव न करें, आतंकवाद से निपटने की लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रयास की जानी चाहिए.अनेक देशों के राजनेताओं ने आतंकवाद की भत्र्सना सभी की एकमत से आतंकवाद को समाप्त करने का दृढ़ संकल्प ले.

उपसंहार- आतंकवाद मानवीय सभ्यता पर कलंक है.और तु आतंकवाद से किसी भी समस्या का समाधान संभव नहीं है.अब समय आ गया है.कि मानवीय सभ्यता के इस कलंक को पूरे संसार से स्वार्थी रुप से मिटा देने चाहिए.

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