MP News Today : अदालत ने कहा की बिना लिखित के शिकायत सिर्फ एक वीडियो के आधार पर इतने समय तक सस्पेंड रखना गलत है
आईपीएस पुरुषोत्तम शर्मा को सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत मिली है। कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा है कि बिना किसी सबूत और लिखित शिकायत के सिर्फ एक वीडियो के आधार पर उन्हें करीब ढाई साल तक निलंबित रखना पूरी तरह से अवैध है. इसके साथ ही कोर्ट ने उनके खिलाफ राज्य सरकार की ओर से की गई पूरी कार्रवाई को शून्य करार दिया है. बता दें कि हाईकोर्ट इस मामले में उनके पक्ष में पहले ही फैसला सुना चुका है।
ये मामला है
मध्य प्रदेश कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा का अपनी पत्नी को पीटने का वीडियो वायरल हुआ था। सरकार ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए 27 सितंबर 2020 को उन्हें निलंबित कर दिया था। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए मई 2022 में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने उनकी बहाली का आदेश दिया था। कैट द्वारा निर्धारित प्रावधानों का पालन किए बिना सरकार उनके निलंबन की अवधि बढ़ा रही है, इसलिए कैट ने उन्हें बहाल करने का आदेश दिया था.
इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। लेकिन वहां भी शर्मा को राहत मिली और कोर्ट ने अपील खारिज कर दी। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी और यहां से भी फैसला पुरुषोत्तम अग्रवाल के पक्ष में आया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि पुरुषोत्तम शर्मा के खिलाफ सिर्फ एक ही वीडियो था और उस आधार पर उन्हें इतने लंबे समय के लिए निलंबित करना पूरी तरह से गलत है.