स्वच्छ भारत अभियान – निबंध

प्रस्तावना-

स्वच्छता के महत्व को समझते हुए राष्ट्रपति महात्मा गांधी ने स्वच्छता पर विशेष बल दिया था.गांधीजी की स्वच्छ भारत की संकल्पना जनान्दोलन न बना सकी स स्वतंत्रता की अध्र्दशती बीतें भी एक लंबा अंतराल हो गया.किंतु गांधी जी की स्वच्छ भारत की संकल्पना परवान न चढ सकी माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उनकी इस संकल्पना को साकार करने के लिए स्वस्थ भारत अभियान का बिगुल फूंका है.

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मोदी जी की स्वच्छ भारत की संकल्पना-

माननीय मोदी जी की स्वच्छ भारत अभियान की संकल्पना यह है.कि देश के प्र प्रत्येक शहरी और ग्रामीण परिवार में एक स्वच्छ शौचालय हो जिन घर परिवारों में स्थानाभाव के कारण शौचालय बनाया जाना संभाव न हो, वहां पर सुलभ सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जाए देश के प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के प्रत्येक विद्यालय में छात्र छात्राओं के लिए स्वच्छ और पृथक- पृथक शौचालयों हो.उनकी इस संकल्पना से जहां सिर पर मैला ढोने की अमानवीय प्रथा समाप्त होगी.वही देश की उन करोड़ों महिलाओं को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्राप्त होगा.जिनको खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है.उन बालिकाओं के विद्यालय जाने का मार्ग प्रशस्त होगा जो विद्यालयों में अलग शौचालय की व्यवस्था नहोने के कारण विद्यालय नहीं जा पाती.मोदी जी की स्वच्छ भारत अभियान की संकल्पना केवल शौचालय के निर्माण तक ही सीमित नहीं है.उनका प्रयास है.कि देश का प्रत्येक कोना स्वच्छ हो.इसके लिए देश के प्रत्येक नागरिक की भागेदारी आवश्यक है.उन्होंने देश के सवा सौ करोड़ नागरिकों का आह्वान किया है.कि देश के प्रत्येक नागरिकों को यह संकल्प लेना होगा कि वह स्वयं गंदगी फैलाएंगे और न दूसरों को फैलाने देंगा.यदि देश का प्रत्येक नागरिक अपनी इस जिम्मेदारी को समझें तो देश गंदा ही न होगा.और सारा देश स्वत: स्वच्छ हो जाएगा.

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत-

अपने ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री जी ने महात्मा गांधी जी की जन्म जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 ई० को राजपथ से लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाकर की इस दिन उन्होंने स्वयं मंदिर मार्ग, नई दिल्ली स्थित वाल्मीकि बस्ती जाकर झाडू लगाकर फुटपाथ की सफाई की और स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत बने पहले जैविक शौचालय में बायो टॉयलेट को जनता को समर्पित किया.

स्वच्छ भारत अभियान का प्रारूप-

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर चलाया गया.जन आंदोलन है.जिसका प्रयास सन 2019 ई० तक संपूर्ण भारत को स्वच्छ बनाना है. सरकारी सहायता हेतु इस अभियान को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है.-

(क) शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत अभियान-

अभियान का उद्देश्य 1.04करोड परिवारों को लक्षित करते हुए 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय 2.6 लाख सर्वजनिक सोचालय और प्रत्येक शहर में एक ठोस अपशिष्ट प्रतिबंध की सुविधा प्रदान करना है.इस कार्यक्रम के तहत आवासीय क्षेत्रों में जहां व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण करना मुश्किल है.वहां समुदायिक ग शौचालयों का निर्माण करना तथा पर्यटन स्थलों मजारों बस अड्डो रेलवे स्टेशनों जैसी प्रमुख स्थानों पर भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराना प्रास्ताविक है.यह कार्यक्रम 5 साल की अवधि में 4 4 01 शहरों में लागू किया जाएगा इस कार्यक्रम में खुले में शौच करने को रोकना है. अस्वच्छ शौचालयों को फ्लश शौचालयों में परिवर्तित करने मैला ढोने की प्रथा का उन्मूलन करने, नगर पालिका के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता से जुड़ी प्रथाओं के संबंध में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के कार्यक्रम शामिल है.

(ख) ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत अभियान-

निर्मल भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए मांग आधारित एवं जनकेंद्रित अभियान है, जिसमें लोगों की स्वच्छता संबंधित आदतों को बेहतर बनाना स्वसुविधाओं की मांग उत्पन्न करना और स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध कराना शामिल है.जिससे ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बना जा सके. अभियान का उद्देश्य 5 वर्षों में भारत को खुले में शौच से मुक्त देश बनाना है.अभियान के तहत देश में लगभग 11 करोड 11 लाख शौचालयों निर्माण के लिए लाख चौतीस हज़ार करोड रुपए खर्च किया जाएगें.बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग कर ग्रामीण भारत में कचरे का इस्तेमाल उसे पूंजी का रूप देते हुए.जैव उर्वरक और ऊर्जा के विभिन्न रूपों में परिवर्तित करने के लिए किया जाएगा अभियान को युद्ध स्तर पर प्रारंभ कर ग्रामीण आबादी और स्कूल शिक्षकों के छात्रों के बड़े वर्गों के अलावा प्रत्येक स्तर पर इस प्रयास में देशभर की ग्रामीण पंचायत, समिति और जिला परिषद को भी इससे जुड़ा जाना है.

(ग) स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान-

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान 25 सितंबर 2014 से 31 अक्टूबर 2014 ईस्वी के बीच केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में आयोजित किया गया इस दौरान की जाने वाली गतिविधियों इस प्रकार रही-

  1. शिक्षकगण स्कूल कक्षाओं के दौरान प्रतिदिन बच्चों के साथ सफाई और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर, विशेष रूप से महात्मा गांधी स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ी शिक्षओ के संबंध में बातें करें.
  2. कक्षा प्रयोगशाला और पुस्तकालयों आदि की सफाई करे.
  3. स्कूल में स्थापित किसी भी मूर्ति या स्कूल की स्थापना करने वाले व्यक्ति के योगदान के बारे में बात करना और उनकी मूर्तियों की सफाई करना.
  4. शौचालयों और पीने के पानीवाले क्षेत्रों की सफाई करना.
  5. रसोई और भंडार ग्रह की सफाई करना.
  6. स्कूल एवं ब बगीचों का रख -रखाव और सफाई करना.
  7. खेलने के मैदान की सफाई करना.
  8. निबंध वाद-विवाद, चित्रकला, सफाई और स्वच्छता पर प प्रतियोगिता का आयोजन करना.
  9. स्कूल भवन का वार्षिक रखरखाव रंगाई एवं पुताई के साथ.
  10. बाल मं मंत्रिमंडलों कौन निगरानी दल बनाना और सफाई अभियान की निगरानी करना.

इसके अलावा फिल्म शो,स्वच्छता पर निबंध /पेंटिंग और अन्य प्रतियोगियों वह नाटकों आदि के आयोजन द्वारा स्वच्छता एवं अच्छे स्वास्थ्य का संदेश प्रसारित करना मंत्रालय ने इसके अलावा स्कूलों के छात्रों शिक्षकों अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को शामिल करते हुए.सप्ताह में दो बार आधे घंटे सफाई अभियान शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा है.

उपसंहार-

आशा की जा सकती है.कि स्वच्छ भारत अभियान की संकल्पना नीचे ही साकार होगी; क्योंकि जिस अभियान के प्रणेता माननीय नरेंद्र मोदी जी जैसा कर्मठ, श्रमशील ,ईमानदार, और राष्ट्रवादी व्यक्ति हो उसकी सफलता में किसी प्रकार का संदेह नहीं किया जा सकता है जिस दिन यह अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हो जाएगा, उस दिन न केवल कश्मीर, वरन् संपूर्ण भारत देश धरती का स्वर्ग क्या लाएगा.

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