कम्प्यूटर: आधुनिक यंत्र -पुरुष अथवा कम्प्यूटर प्रयोग से लाभ तथा हानि

प्रस्तावना-गत कई वर्षों से हमारे देश में कंप्यूटरों की चर्चा जोर शोर से हो रही है.देश को कंप्यूटरमय में करने के प्रयास किए जा रहे हैं.कई उद्योग-धन्धो और संस्थानों में कंप्यूटर का उपयोग होने लगा है. कंप्यूटर रूम के उन्मुक्त आयत के यह जिसके द्वारा खोल दिए गए हैं.हमारे अधिकारी और मंत्रिगण सुपर कंप्यूटरों के लिए अमेरिका से जापान तक दौड़ लगा रहे हैं. सरकारी प्रतिष्ठानों में तो आधुनिकतम कंप्यूटर लगाने की भारी होठ लगी है.

कंप्यूटर क्या है- हमारे सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक जीवन पर सजाने वाला कंप्यूटर आखिर क्या है.इस विषय में जिज्ञासा उत्पन्न होना स्वभाविक है.वस्तुतः कंप्यूटर ऐसे यांत्रिक मस्तिष्को का समन्वयात्मक एवं गुणात्मक योग है.जो तीव्रतम गति से तथा न्यूनतम समय त्रुटिहीन गणना सकता है.

Advertisements

कंप्यूटर और उसके उपयोग- आज जीवन के कितने क्षेत्रों में कंप्यूटर के व्यापक प्रयोग हो रहे हैं.बड़े-बड़े व्यवसाय तकनीकी संस्थाओं और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान कंप्यूटर के यंत्र मस्तिष्क का लाभ प्राप्त कर रहे हैं. अब तो कंप्यूटर के और कार्यालयों के हो वादा नूतन गोली तक 100 तक ही सीमित नहीं रहा गया है.वरन् वह हजारों किलोमीटर दूर रखे हुए दूसरी कंप्यूटर के साथ बातचीत कर सकते हैं.उससे सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं.और उसे सूचनाएं भेज भी सकते हैं.कंप्यूटर का व्यापक प्रयोग जिन क्षेत्रों में हो रहा है.उनका विवरण इस प्रकार है. (क) बैंकिंग के क्षेत्र में- भारतीय बैंकों खातो के संचालन और हिसाब किताब रखने के लिए कंप्यूटर का प्रयोग आरंभ किया गया है.कई राष्ट्रीयकृत बैंकों ने चुंबकीय संख्याओंवाली नई चेक बुक जारी की है. (ख) प्रकाशन के क्षेत्र में- समाचार पत्रों और पुस्तकों के प्रकाशन के क्षेत्र में आज कंप्यूटर का विशेष योगदान है.अब कंप्यूटर से संचालित के कम्पोजिंग मशीन के माध्यम से मुद्रित होने वाली सामग्री को टंकित किया जा सकता है. (ग) सूचना और समाचार प्रेषण के क्षेत्र में – दूरसंचार की दृष्टि से कंप्यूटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से देश की सभी प्रमुख नगरों को एक दूसरे से जोड़ दिया गया है. (घ) डिजाइनिंग के क्षेत्र में- प्रायः यह समझा जाता है.कि कंप्यूटर अंकों और अक्षरों को ही प्रकट कर सकते हैं.वास्तव में आधुनिक कंप्यूटर के माध्यम से भावना मोटर गाड़ियों एवं हवाई जहाज जो आदि के डिजाइनिंग तैयार करने के लिए भी कंप्यूटर ग्राफिक के व्यापक प्रयोग हो रहे हैं.वह वास्तुशिल्फी वस्तु सेल्फी अपनी डिजाइनिंग कंप्यूटर की स्क्रीन पर तैयार करते हैं.और संकलग्न प्रिंटर से इनके प्रिंट भी तुरंत प्राप्त कर लेते हैं. (ड.) कला के क्षेत्र में- कंप्यूटर ऑफ कलाकार अथवा चित्रकार की भूमिका भी निभा रहे हैं.अब कलाकार ना तो कैनवास की आवश्यकता है.न रंग और कूचियो कि कंप्यूटर के सामने बैठा हुआ कलाकार अपने नियोजित प्रोग्राम के अनुसार स्क्रीन पर चित्र निर्मित करता है.और यह चित्र प्रिंटर की कुंजी दबाते ही प्रिंटर द्वारा कागज पर अपने उन्हें वास्तविक रंगों के साथ छाप दिया जाता है. (छ) औद्योगिक में क्षेत्र में- बड़े बड़े कारखानों में मशीनों के संचालन का कार्य अब कंप्यूटर संभाल रहे हैं. (ज) युद्ध के क्षेत्र में- वस्तुतः कंप्यूटर का आविष्कार युद्ध के एक साधन के रूप में ही हुआ था.आज नवीन तकनीकों पर आधारित शक्तिशाली कंप्यूटरो का विकास किया जा रहा है.अमेरिका की स्टार वार्स योजना कंप्यूटरों के नियंत्रण पर ही आधारित है. (झ) अन्य क्षेत्रों में- परीक्षा फल के निर्माण निर्माण अंतरिक्ष यात्रा मौसम संबंधित जानकारी चिकित्सा क्षेत्र चुनाव कार्य आदि कंप्यूटर प्रणाली सर्वाधिक उपयोगी सिद्ध हो रही है.कंप्यूटर की सहायता से एक भाषा का अनुवाद दूसरी भाषा में किया जा सकता है.तथा शतरंज जैसा खेल भी खेला जा रहा है.

कंप्यूटर और मानव मस्तिष्क- यह प्रश्न भी बहुत स्वयं भाविक है.कि क्या कंप्यूटर और मानव मस्तिष्क की तुलना की जा सकती है.और इनमें कौन श्रेष्ठ है.क्योंकि कंप्यूटर की मस्तिष्क का निर्माण भी मानव बुद्धि के आधार पर ही संभव हुआ है.यह बात नितांत सत्य है.कि मानव मस्तिष्क की अपेक्षा कंप्यूटर समस्याओं को बहुत कम समय में हल कर सकता है.किंतु यह मानवीय संवेदनाओं अभिरुचियो भावनाओ और चिंत से रहित मात्र एक यंत्र पुरुष है.कंप्यूटर केवल वही काम कर सकता है; जिसके लिए उसे निर्देशित (programmed)किया गया हो.यह कोई निर्णय स्वयं नहीं ले सकता और न ही कोई नवीन बहुत सोच सकता है.

Advertisements

उपसंहार- कंप्यूटर में जो कुछ भी ज्ञान एक चीज क्या हो गया है.वह आज की असाधारण बुद्धिजीवियों को की देन है.लेकिन हम यह प्रश्न भी पूछने के लिए विवश है.कि जो बुद्धि स्मरण शक्ति कंप्यूटरों को दी गई है, क्या उससे पृथक हमारा कोई अस्तित्व नहीं है.हो भी, तो क्या यह बात अपने आप में कुछ कम दु:खदायी नहीं है.कि हम अपने प्रत्येक प्रभावी कदम को कंप्यूटर के माध्यम से प्रमाणित करना चाहे और उसके परिणामस्वरूप अपने आप को नियंत्रण कमजोर एवं अयोग्य बनाते रहे.

Advertisements