राष्ट्रवाद के विकास में रूमानीवाद का क्या योगदान है ?
उत्तर – रोमानी बाद भी एक सांस्कृतिक आंदोलन था। धन्यवाद के समर्थकों का प्रयास एक साझा सांस्कृतिक अतीत और एक साझा सामूहिक बिराजता को राष्ट्रवाद का आधार बनाना था, जिसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव ना हो। रूमानीवाद पर आधारित आंदोलन में भावनाओं, अंतर्दृष्टि और रहस्यवादी भावनाओं पर बल दिया। यह एक ऐसा आंदोलन था, जो एक विशेष प्रकार की राष्ट्रीय भावना का विकास करना चाहता था। रूमानीवाद के संदर्भ में जर्मनी के प्रसिद्ध दार्शनिक योहान गोटफ्रीड का नाम उल्लेखनीय है। उनका विचार था कि सच्ची जर्मन संस्कृति उसके आम लोगों में निहित हो और राष्ट्रीय की सच्ची आत्मा; लोकगीतों, जन- काव्य और लोकनृत्य के माध्यम से प्रकट होती है रूमानीवाद की विचारधारा के अनुसार लोक संस्कृति के विभिन्न स्वरूप को एकत्र करना और उन्हें दर्शना; राष्ट्र-निर्माण की योजना हेतु आवश्यक है। इसके अंतर्गत रुमानी वादी आंदोलन में स्थानीय बोलियों और स्थानीय साहित्य को भी इस दृष्टि से आधार बनाया गया, जिससे राष्ट्रीय सांसदों को आम लोगों तक सरलता से पहुंचाया जा सके।
रूमानीवाद विचारधारा के प्रयोग की दृष्टि से यूरोप पर पोलैंड देश एक प्रमुख उदाहरण था। वह संगीत और भाषा के माध्यम से राष्ट्रीय भाषाओं को जीवित रखा गया। भाषाओं ने सभी राष्ट्रीय भावनाओं के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी प्रकार ग्रीम बंधुओं की कहानी-लोक- कथाएं और राष्ट्रीय-निर्माण – रूमानीवाद से प्रभावित अन्य यूरोपीय लेखकों आदि के सामने जर्मनी के ग्रीम बंधुआ द्वारा बी लोक-कथा और लोकनृत्य के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण की दिशा में प्रयास किया गया।