यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय – महत्वपूर्ण प्रश्न – 5

1789 ई° की फ्रांस की क्रांति का फ्रांस व यूरोप पर प्रभाव

1789 ई° की फ्रांसीसी क्रांति का फ्रांस पर व्यापक रूप से प्रभाव हुआ। वहां राजतंत्र के स्थान पर अनेक नवीन परिवर्तन हुए। स्टेट जनरल के स्थान पर नेशनल एसेंबली का गठन तथा जनता के हित में अनेक नवीन सुधार हुए लोगों की स्वतंत्रता को महत्व दिया गया और समानता पर आधारित न्याय व्यवस्था की स्थापना हुई। इसके अतिरिक्त फ्रांस में क्रांति की सफलता से प्रेरित होकर वहां के क्रांतिकारियों ने यूरोप के अन्य देशों के लोगों को भी निरंकुश शासकों से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया उन्होंने यह घोषणा की की अन्य देशों में राष्ट्र राज्यों की स्थापना के लिए फ्रांस सभी प्रकार से उन्हें सहायता प्रदान करेगा। फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने यह घोषणा की की वह अन्य देशों के लोगों को भी निरंकुश शासकों से मुक्त कराए गए फ्रांसीसी क्रांतिकारियों कि इस घोषणा का यूरोप के देशों की जनता ने स्वागत किया और फ्रांसीसी सुनाओ को अपने देशों मैं प्रवेश करने में पूरी सहायता की यूरोप के देशों में शिक्षित मध्य वर्ग के लोग अपने देशों में ‘जैकोबिन कल्बे’ की स्थापना करने लगे 1790 ई° के दशक में अपनी घोषणा और लक्ष्य से यूरोप के देशों की जनता की प्रभावित करने के बाद फ्रांसीसी सेना होलैंड ,बेल्जियम, स्विट्जरलैंड और इटली के बड़े क्षेत्र में प्रवेश कर गई। वहां क्रांतिकारी युद्ध की शुरुआत हो गई और फ्रांसीसी सेना ए उन देशों में राष्ट्रवाद के विचार का प्रचार प्रसार करने लगी। संसार में 1789 ई° की फ्रांसीसी क्रांति के फ्रांस और यूरोप पर हुए प्रभाव का उल्लेख नीमच किया जा सकता है।

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