भारत में राष्ट्रवाद – महत्वपूर्ण प्रश्न -1

पहला विश्वयुद्ध खिलाफत और असहयोग।

1919 ई° के बाद में वर्षों में भारतीय स्वाधीनता आंदोलन देश के अनेक नए क्षेत्रों में भी फैल गया था। इसमें कई नए सामाजिक समूह भी सम्मिलित हो गए थे और साथ ही संघर्ष के नए तरीके भी सामने आ रहे थे। देश में कुवे इन परिवर्तनों और उनके परिणामों को हमें इस अध्याय में समझने का अवसर प्राप्त होगा।

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