“कोठारी आयोग प्रतिवेदन भारतीय शिक्षा का विश्वकोस है।” इस कथन की विवेचना कीजिए।
उत्तर – कोठारी आयोग का गठन करने का उद्देश्य भारतीय शिक्षा के विकास एवं सुधार के लिए शिक्षा के विभिन्न अंगों एवं स्तरों की अलग-अलग जांच लेकर के शिक्षा के संपूर्ण क्षेत्र की एक साथ जांच एवं अध्ययन करना था। इस स्थिति में कोठारी आयोग ने भारतीय शिक्षा के सभी स्तरों एवं पक्षों की जांच करके 700 पृष्ठ की एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसका शीर्षक था – ‘शिक्षा एवं राष्ट्रीय प्रगति’ इस रिपोर्ट में अनेक जानकारी सुझाव तथा शिकारी से प्रस्तुत की गई थी। मुख्य सुझाव एवं सिफारिशें थी – शिक्षा तथा राष्ट्रीय लक्ष्य शिक्षा की संरचना तथा स्तर संबंधित सुझाव , शिक्षकों की स्थिति में सुधार संबंधित सुझाव , अध्यापक शिक्षा संबंधित सुझाव, छात्र – संख्या तथा जनबल संबंधित सुझाव, शैक्षिक अवसरों की समानता संबंधित सुझाव , विद्यालय शिक्षा के विस्तार संबंधित सुझाव , विद्यालय – पाठ्यक्रम संबंधित सुझाव तथा शिक्षण विधियो, निर्देशन एवं मूल्यांकन संबंधित सुझाव। इसके अतिरिक्त आयोग ने उच्च शिक्षा ,स्त्री शिक्षा, विज्ञान, कृषि तथा व्यावसायिक शिक्षा संबंधित अनेक सिफारिशें विस्तार में प्रस्तुत की थी यही कारण है कि ‘कोठारी आयोग’ के प्रतिवेदन है रिपोर्ट को भारतीय शिक्षा का विश्वकोश कहा जाता है।