भारतीय शिक्षा का इतिहास एवं विकास – महत्वपूर्ण प्रश्न 5

वैदिक कालीन भारतीय शिक्षा पद्धति अर्थ गुरुकुल प्रणाली पर टिप्पणी लिखिए.

प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली के संदर्भ में गुरुकुल प्रणाली या ऋषि आश्रम का उल्लेख करना आवश्यक है गुरुकुल प्रणाली की सिद्धांत इक मान्यता को डॉ एस एन मुखर्जी ने इन सब को स्पष्ट किया है वैदिक कालीन भारत शिक्षा की पारिवारिक प्रणाली मैं विकास करता था ना कि शिक्षा संस्थाओं में यांत्रिक निविदाओं द्वारा विशाल पैमाने पर छात्राओं को उत्पादन में गुरुकुल से आशय गुरु या ऋषि के आश्रम से था सामान्य रूप से गुरु या ऋषि किसी नगर अथवा ग्राम से कुछ दूर पर किसी रमणीक प्राकृतिक स्थल पर अपना आश्रम स्थापित किया करते थे यही आश्रम शिक्षा के दृष्टिकोण से गुरुकुल या ऋषि आश्रम के लाता था शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक छात्राओं को स्थाई रूप से गुरुकुल या ऋषि आश्रम में ही रहना पढ़ता था इस प्रकार गुरुकुल वास्तव मैं आवासीय विद्यालय ही थे गुरुकुल के निर्धारित नियम होते थे जिनका पालन करना प्रत्येक छात्र के लिए समान रूप से अनिवार्य होता था गुरुकुल में छात्राओं के प्रति किसी प्रकार का भेदभाव नहीं हुआ करता था भले ही कोई छात्र राजा का पुत्र हो या किसी निर्धन कृषिक या साधारण सैनिक का गुरुकुल में रहकर छात्राओं को गुरु की सेवा करनी होती थी तथा भीक्षाटन के लिए जाना भी आवश्यक था गुरुकुल में रहकर छात्र गुरु के आदर्शों का निकटता से अवलोकन करते थे तथा उसके विचार को कार्यों के माध्यम से सीखते थे इस प्रकार गुरुकुल शिक्षा -प्रणाली या ऋषि- आश्रम शिक्षा- प्रणाली व्यवहारिक शिक्षा -प्रणाली थी.

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