भारतीय शिक्षा का इतिहास एवं विकास -महत्वपूर्ण प्रश्न 34

‘भारतीय शिक्षा आयोग- 1882’ द्वारा प्रस्तुत की गई तत्कालीन स्त्री-शिक्षा संबंधित सिफारिशों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-‘भारतीय शिक्षा आयोग 1882’ सदस्य की मान्यता थी की तत्कालीन भारत में स्त्री शिक्षा के प्रसार एवं उन्नति के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए आयोग ने सरकार को विभिन्न उपयोगी एवं व्यवहारिक सुझाव दिए; जैसे कि देश में विद्वान बालिका विद्यालयों को उदार आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।बालिका विद्यालयों के कार्यों एवं प्रगति आदि को देखने के लिए अलग से महिला विद्यालय निरीछीकाओ को नियुक्त किया जाना चाहिए बालिकाओं को शिक्षा-प्राप्ति के लिए प्रेरित करने के लिए शिक्षा की निशुल्क व्यवस्था होनी चाहिए तथा बालिकाओं को छात्रवृत्ति भी दी जानी चाहिए।प्राथमिक स्तर पर बालिकाओं के लिए अलग से पाठ्यक्रम निर्धारित किया जाना चाहिए जो बालिकाएं पर्दा- प्रथा का पालन करती हो उन्हें शिक्षा प्रदान करने के लिए घर पर ही अध्यापिका की व्यवस्था की जानी चाहिए।इसके अतिरिक्त शिक्षा-व्यवसाय को अपनाने की इच्छुक स्त्रियों के लिए अलग से ‘महिला शिक्षण प्रशिक्षण विद्यालय ‘स्थापित करने की भी सिफारिश की गई थी।

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