प्राचीन भारतीय शिक्षा में दंड व्यवस्था को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-प्राचीन वैदिक काल शिक्षा-प्रणाली में छात्रों के अनुशासित, नियमित एवं व्यवस्थित शैक्षिक जीवन व्यतीत मैं करने पर दंड देने का भी विधान था। इस काल में मुख्य रूप से बनाए जाने वाले दंड के रूप थे-छात्र को गुरु द्वारा समझाना बुझाना आवश्यक उपदेश देना तथा अपवाह अथवा भूखा रखना शारीरिक दंड के प्रश्न पर विद्वानों में मतभेद है आप स्तंभ ने नष्ट किया है की प्राचीन काल मैं छात्र को दंडित करने के लिए उसे उपवास रखवा करता था तथा उसे अपने पास से दूर भेज सकता था। स्मृति कार महर्षि मनु ने दंड विधान को स्पष्ट करते हुए कहा है कि गुरु छात्र को रज्जू या पतली छड़ी से प्रताड़ित कर सकता है।अतः कहा जा सकता है कि प्राचीन काल में दंड का प्रचलन तो था। परंतु सामान्य रूप से कठोर दंड नहीं दिया जाता था।