सावधान! कोरोना Covid-19 की यह दवाई सबके लिए नहीं, हो सकते हैं साइड इफेक्ट

Covid-19: जिस कोरोना दवाई को वायरस से लड़ने के लिए रामबाण दवा के रूप में देखा जा रहा है उससे हो सकता है आपके शरीर को भारी नुकसान। दरअसल इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च[Indian council for medical research] यानी आईसीएमआर[ICMR] ने यह साफ किया है कि फिलहाल म‌ोलनुपिराविर [Molnupiravir] दवा जिसे कोरोनावायरस के इलाज के लिए रामबाण दवा के तौर पर देखा जा रहा है इसे अभी क्लीनिकल प्रोटोकॉल में शामिल नहीं किया जाएगा।

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आईसीएमआर[ICMR] ने स्पष्ट किया है कि यह दवाई सभी उम्र के लोगों को नहीं दी जा सकती क्योंकि इसकी वजह स्पष्ट है की ऐसा देखा गया है की यह दवाई युवाओं, अविवाहित महिलाओं और गर्भवती महिलाओं में बच्चा पैदा करने की क्षमता पर बुरा असर डॉल सकती है. फिलहाल कोराना की इलाज में की यह पहली ओरल दवा है काफी डॉक्टर इसे प्रिसक्राइब भी कर रहे हैं। जोकि लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल सकती है स्वास्थ्य मंत्रालय के वैक्सीन के लिए बने टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप वैक्सीन टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर एनके अरोड़ा ने भी हर मामले में इस दवा को न प्रयोग करने की सलाह दी है।

मैक्स अस्पताल के स्वास रोग विशेषज्ञ डॉ शरद जोशी के मुताबिक म‌ोलनुपिराविर [Molnupiravir] को केवल 60 वर्ष से अधिक आयु के बीमार कोरोना मरीजों को ही दी जानी चाहिए हमें इस दवा की डीटेल्ड स्टडी आने का इंतजार करना चाहिए तब तक हमें इसे काफी एहतियात से इस्तेमाल करना होगा। साथ ही उन्होंने बताया की हल्के लक्षण वाले मरीज और होम आइसोलेशन वाले मरीज इस दवा को बिल्कुल न ले।

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दरअसल इस दवाई को सर्दी जुखाम के मरीजों के लिए बनाया गया था यह एक ओरल ड्रग है इसे फार्मा कंपनी मर्क और रिज बैग ने बनाया है फिलहाल इसका इस्तेमाल कोरोना[covid-19] मरीजों पर धड़ल्ले से किया जा रहा है जोकि नुकसान पहुंचा सकता है।

बताते चलें की इस दवा को भारत के ड्रग कंट्रोलर ने 28 दिसंबर 2021 को कोरोनावायरस गंभीर मामलों में इलाज के तौर पर शामिल करने की मंजूरी दी थी। दवा का फायदा 60 साल से ऊपर बुजुर्ग या ऐसे लोग जिनको कोई दूसरी गंभीर बीमारी हो उनमें देखा गया है लेकिन भारत में कई सारे डॉक्टर इस दवा को युवाओं को भी दे रहे हैं सरकार के एक्सपर्ट ऐसे मामलों से बचने की सलाह दे रहे हैं दवा बनाने वाली कंपनी का दावा है कि अगर यह दवाई कोरोना वायरस[covid-19] संक्रमण के 5 दिनों के भीतर ही दी जाए तो अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे से बचा जा सकता है फिलहाल यह दवाई केवल डॉक्टर की प्रिसक्रिप्शन पर ही मिल सकती है।

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