Coronavirus 2022: कोरोना[Coronavirus] वायरस के मामलों में आज फिर भारी उछाल देखने को मिला है। देश में पिछले 24 घंटों में 270000 से भी ज्यादा नए मरीज सामने आए हैं पिछले 3 दिनों से लगातार ढाई लाख से ऊपर रोजाना नए मरीज देखने को मिल रहे हैं भारत में कोरोना[Coronavirus] के संक्रमण दर 14.7 से भी ज्यादा हो गई है फिलहाल भारत में ओम क्रोन वैरीअंट के लगभग 6000 मामले सामने आ चुके हैं।

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ऐसे में आने वाले दिनों में पूरे भारत में कोरोना संक्रमित को संख्या और अधिक देखने को मिलेंगी। अभी छोटे-छोटे शहरों मैं भी पॉजिटिविटी रेट लगातार बढ़ रहा है बड़े शहरों की तो बात ही क्या करें। दिल्ली के ज़ीटीवी[GTB] अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर सुभाष गिरी का कहना है कि पॉजिटिविटी रेट से लगातार कोरोनावायरस[Coronavirus] अंकुर में तो की संख्या भी बढ़ेंगे।
बता दे पॉजिटिविटी रेट कई सारे फैक्टर्स पर डिपेंड करता है जैसे कि आप ने कितने टेस्ट किए हैं दूसरा की आपके पॉजिटिव सैंपल्स के मामले कितने गंभीर है और साथ ही साथ लोगों की स्किल कैसी है।

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डॉक्टर गिरी ने बताया कि जैसे-जैसे पॉजिटिविटी रेट बढ़ता जाएगा ठीक वैसे वैसे कोरोना संक्रमित के मामले भी बढ़ते जाएंगे आने वाले समय में पॉजिटिविटी रेट सेबी डबल पॉजिटिविटी रेट हमें देखने को मिल सकता है उन्होंने आगे कहा यदि तीसरी लहर की बात करें तो जनवरी के अंत या फरवरी के पहले सप्ताह में तीसरी लहर पीठ पर होगी और शायद मार्च आते-आते इसमें गिरावट आ सकती है।
वही मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डायरेक्टर विवेक नांगिया का कहना है कि तीसरी लहर का पीठ पर जाना बेहद खतरनाक है डॉक्टर नांगिया बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों के मुकाबले हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ने लगा है ऐसा पॉजिटिविटी रेट बढ़ने के कारण हो रहा है ऐसे में हम सब को एहतियात बरतना होगा और लापरवाही न करें क्योंकि लापरवाही बहुत घातक सिद्ध हो सकती हो सकती है।
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जान पर पड़ सकती है भारी, वैक्सीन को लेकर लापरवाही
जिस किसी को अभी तक Coronavirus नहीं हुआ है और उसने कोई वैक्सीन नहीं ली है या फिर सिर्फ एक डोज ही ली है तो यह लापरवाही भारी पड़ सकती है देश और दुनिया में कोरोनावायरस को और मौतों को लेकर चला आ रहा ट्रेंड यह बताता है कि वैक्सीन नए वैरीअंट ओम क्रोम को लेकर भले ही उतने प्रभावी न हो लेकिन अगर आप ने कोरोना वैक्सीन की दोनों दोस्त ली है तो संक्रमण होने पर गंभीर बीमारी के लिए न केवल सुरक्षा कवच दे रही है बल्कि मौतों को भी रोक रही है।
दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रेसिडेंट अरुण गुप्ता ने यूके के डाटा का हवाला देते हुए बताया कि यूके में सभी को वैक्सीन की दोनों दोस्त लोग चुकी है तथा बूस्टर भी लग रहे हैं। डाटा के मुताबिक फुली वैक्सीनेटेड लोगों में सीवियर डेट और हॉस्पिटलाइजेशन 82 फीसदी कम हो गया है। मतलब साफ है अनवैक्सीनेटेड से के मुकाबले वैक्सीन इफेक्टिव है।
वैक्सिन लगने के बाद भी अगर संक्रमण होता है तो वह माइल्ड संक्रमण ही होगा। डॉक्टर अरुण मानते हैं कि जब वैक्सीन बनी तो डेल्टा वेव प्रमुखता से थी और उसके लिए आज से ही वैक्सीन बनाई गई है ऐसे में डेल्टा के मुकाबले ओमी क्रोन में वैक्सीन का असर कम पाया गया है।

वहीं अगर दिल्ली सरकार के डाटा का विश्लेषण करें तो दिल्ली में ज्यादातर मौतें उन्हीं लोगों की हो रही है जिन्होंने या तो एक डोज ली है या अभी तक अनवैक्सीनेटेड थे ताजा डाटा के मुताबिक 97 में से आठ नौ वह लोग थे जो वैक्सीनेटेड नहीं थे या फिर पार्शियली वैक्सीनेटेड थे।