आयुर्वेद को नर्सरी से 12 वीं तक पढाया जायेगा | Ayurveda will be taught from nursery to 12th

आज के इस लेख में हम केंद्र सरकार द्वारा पाठ्य क्रम में आयुर्वेद को शामिल करने संबधी तैयारी की पूरी जानकारी इस लेख में देंगे . यदि आप भविष्य में बोर्ड संबधी सभी प्रकार की जानकारी चाहते है तो इस वेबसाइट को लगातार विजिट करे तथा इस वेबसाइट को अपने बुकमार्क में सेव कर ले.

Update: पिछले दो – तीन सालों से आयुर्वेद के बढ़ावे और इसके लाभों को लेकर पुरे विश्व में आयुर्वेद चर्चा का विषय बना हुआ है. आयुर्वेद सस्ता एवं टिकाऊ इलाज मुहेय्या करता है. जिससे यह लोकप्रियता का कारण बना हुआ है . परन्तु इसकी शिक्षा को लेकर अभी तक किसी भी प्रकार का कानून उपस्थित नही है. आयुर्वेद महासम्मेलन व् आयुष मेडिकल असोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने बताया की , केंद्र सरकार व् खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रबल इच्छा रही है की हजारों वर्ष पुराना आयुर्वेद – योग की गंभीरता एवं उपयोगिता के साथ इसकी सुलभता से छात्र बचपन से ही अवगत हो सके और दैनिक जीवन की दिनचर्या में नियमित रूप से आयुर्वेद को शामिल क्र सके .

कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने सभी को सिखा दिया की मजबूत इम्युनिटी की शरीर को कितनी आवश्यकता होती है और इसके लिए आयुर्वेद एवं योग से बढ़कर कुछ भी नही है. वहीं अलोपैथी औषधियों के साइडइफ़ेक्ट , आयुर्वेद की तुलना में कहीं ज्यादा है. इस सम्बन्ध में आयुर्वेद को नर्सरी , एलकेजी से लेकर 12 वीं के छात्रों को पढ़ाया जाएगा . इससे निश्चित रूप से छात्रों में जाग्रोक्ता से आयुर्वेद रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा.

 

 

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