भारतीय शिक्षा का इतिहास एवं विकास -महत्वपूर्ण प्रश्न 29

निस्यंदन या छनाई सिद्धांत से आप क्या समझते है ?

उत्तर- ब्रिटिश शासन काल मे लॉर्ड मौकाले द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में प्रस्तुत किए गए एक सिद्धांत छनीकरण अथवा निसयानंद के सिद्धांत के रूप में विख्यात है। निसयानंद का अर्थ है छानने की क्रिया शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिपादित निसयानंद सिद्धांत के अंतर्गत कंपनी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भारत में केवल उच्च वर्ग के भारतीयों को उच्च शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए जब उच्च वर्ग के व्यक्ति पर्याप्त शिक्षित हो जाएंगे तो शिक्षा एवं जान संवत ही छन छनकर भारतीय समाज के निम्न वर्गों तक पहुंच जाएगा लार्ड मौकाले को मत था कि सरकार के पास इतना धन नहीं है। कि वह जनसामान्य में शिक्षक प्रचार का कार्य विस्तृत पैमाने पर कर सके अतः सरकार का यह कर्तव्य है।कि वह केवल उच्च वर्ग की शिक्षा पर ज्ञान दे निम्न वर्ग तो उच्च वर्ग के संपर्क में आकर अपने आप ही शिक्षित हो जाएगा सिद्धांत शैक्षिक नीति को स्वीकार करके कंपनी भारती शिक्षा व्यवस्था पर कम वय करना चाहती थी। निस्यंदन सिद्धांत का स्पष्टीकरण आर्थर माथे ने इन शब्दों में प्रस्तुत किया है। शिक्षा ऊपर से प्रवेश करके जनसाधारण तक पहुंचने थी लापर्दा ज्ञान भारत के स्वरोच वर्गो से बूंद- बूंद करके नीचे टपकना था।ब्रिटिश कालीन शिक्षा नीति को विशेष रूप से प्रभावित करने वाले इस सिद्धांत की व्याख्या इस शब्द में प्रस्तुत की है जनसमूह में शिक्षा ऊपर से छन छनकर पहुंचनी थी। बूंद बूंद करके भारती जीवन के हिमालय से लाभदायक शिक्षा नीचे को बहे जिससे वह कुछ समय में चौड़ी एवं विशाल धारा में परिवर्तित होकर शुष्क मैदानों को सूचित करें मौकाले के इस सिद्धांत के पक्ष तथा विपक्ष में अनेक तर्क प्रस्तुत किए गए परंतु अंत में इसे स्वीकार कर लिया गया तथा भारतीय शिक्षा व्यवस्था में लागू भी कर दिया गया।

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